ज़िंदगी

ज़िंदगी   में   कभी   हास   है   कभी   रुदन
कभी    सम्पदा   है   कभी   विपदा
कभी   संयोग   है   तो   कभी   वियोग
कभी   सम्मान   मिलता   है    तो   कभी   अपमान   का   भी    सामना   करना   पड़ता   है।
कभी    पुरुस्कार  मिलता    है   कभी    तिरस्कार   भी।
  मनुष्य   को   दोनों   स्थितियों   में    जीवन    जीना   है।   आशा   का   सम्बल    कभी   नहीं   छोड़ना   चाहियें।  दुख   को   चुनौती    समझकर   उसका   सामना   करना   वीरता   का   प्रतीक   है।  जीवन   का    हर   दिन    एक   त्यौहार    है   और   हर   रात   बसंती   रजनी (रात्रि)।  

2 Responses so far »

  1. 1

    Arun Mhatre said,

    Its very nice tips to enjoy life healthy & joyfull day & nights.

  2. 2

    Sourav Roy said,

    जान कर सच में ख़ुशी हुई कि आप हिंदी भाषा के उद्धार के लिए तत्पर हैं | आप को मेरी ढेरों शुभकामनाएं | मैं ख़ुद भी थोड़ी बहुत कविताएँ लिख लेता हूँ | हाल ही में अपनी किताब भी प्रकाशित की | आप मेरी कविताएँ यहाँ पर पढ़ सकते हैं- http://souravroy.com/poems/


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